लेखनी कहानी -22-Apr-2022
सुबह का सपना
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साल की शुरुआत यानि जनवरी की बात है नित्या ठीक चार बजे सुबह सुबक सुबक कर अपने बिस्तर पर बैठी रो रही
थी। अचानक उसकी मम्मी की नींद खुली, वह नित्या को अपनी गोदी में बिठाकर बोली," मेरी प्यारी गुड़िया को क्या हुआ।?"
वो बहुत डरी सहमी हुई थी।
थोड़ी देर में पापा भी उठकर उसके पास आए। उसे गोद में उठाकर बालकनी में घुमाने लगे। नित्या ने मम्मी पापा को बताया कि उसने बहुत डरावना सपना देखा है। "सारे लोगों ने अपना अपना मुँह ढका हुआ था, हाथ में बड़े बड़े दस्ताने पहने थे, हाथ में रंग बिरंगी बोतल थी उसको सारी जगह छिड़क रहे थे। घर से बाहर नहीं जाने दे रही थी मम्मी, पापा आप भी आफिस नहीं जा रहे थे। पुलिस डंडा लेकर सबको मार रही थी। सबको खांसी हो रही थी। डाक्टर अंकल सब एसटरोनोट जो मेरी किताब में है ना, वैसे लग रहे थे। पापा पापा बचालो मुझको... वो मुझको पकड़ के ले जा रहे थे।"
पापा मम्मी ने बहुत मुश्किल से उसका डर दूर किया। मम्मी ने उसे पानी पिलाकर फिर सुला तो दिया, पर वो दोनों खुद काफी डर गए। मम्मी को इस बात का यकीन था कि सुबह के सपने हमेशा सच होते हैं। पर वो दोनों इस बात का अनुमान लगा ही नहीं पा रहे थे कि नित्या के इस सपने का क्या अर्थ है?
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कविता झा'काव्या कवि'
# लेखनी
##लेखनी शार्ट स्टोरी चैलेंज
(पहली कहानी जोनर समाजिक)
Gunjan Kamal
22-Apr-2022 10:09 PM
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 👌👌
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Reyaan
22-Apr-2022 09:16 PM
Very nice 👍🏼
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Neha syed
22-Apr-2022 07:45 PM
Nice
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